Santosh kumar koli 02 Jan 2024 कविताएँ समाजिक उद्गम उद्भास 10529 0 Hindi :: हिंदी
उद्गम उद्गत, निर्दिष्ट लक्षित। तत्सदृश रक्षित, तत्सदृश भक्षित। प्रकाश प्रकीर्ण, या तमाविष्ट। तथैव अमृत, तथैव गरल गरिष्ठ। मध्यम प्रक्षेपित, स्वयं क्षीण। निष्प्रभाव, निष्प्राण, उभयनिष्ठ प्रकीर्ण। न फलित, न प्रभाविक सर्वांगीण। अवनति, अधोगति, जीर्ण- शीर्ण। मूल निस्सृत, लक्ष्य निर्दिष्ट। शुभ, अशुभ, पर हो इष्ट। निष्णात भाव, हो समाविष्ट। लौटेगा अवधूत, अवमर्दित, अपशिष्ट।