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माया से संसार है-सबका अपना दाम

संदीप कुमार सिंह 28 Jun 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5430 0 Hindi :: हिंदी

(कुंडलिया छंद)
माया से संसार है,सबका अपना दाम।
खुद को तुम अति योग्य कर,करिए सुंदर काम।।
करिए सुन्दर काम,समाँ रौशन तब रहता।
छोड़ें कभी न आस,ज्ञान यह ही है कहता।।
कहते कवि संदीप,रखे चमचम जो काया।
और रखे मृदु भाव,करे क्या उसका माया।।
(स्वाचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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