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धनवान सेठ ( भाग -२)

Ranjana sharma 30 Mar 2023 कहानियाँ धार्मिक Google 15748 0 Hindi :: हिंदी

देखते ही  देखते वह धनवान सेठ की सारी धन उससे छीन ली जाती अब उसके पास भी कुछ नहीं था ।वो भी भिखारी बनकर यहां - वहां भीख मांग कर अपना गुजारा करता ।एक दिन वह धनवान सेठ भिखारी के कतार में खड़ा भीख मांग रहा था कि तभी उसकी दृष्टि उस बूढ़े बुजुर्ग व्यक्ति पर पड़ता जो उसके द्वार से भूखा चला गया था वह तुरंत उसे पहचान लेता और उसके पास जाकर उसके चरणों में गिर माफी मांगता और कहता  " हे बाबा ,आपके साथ मैंने जो बुरा बर्ताव किया आज आपकी कहीं बात सच हो गई है आप कृपा कर मुझे माफ़ कर दीजिए ।"उसकी पछतावे भरे आंसू देख बाबा बोलते  "ये धनवान सेठ मैं जो बोल दिया अब वापस तो नहीं ले सकता हां पर इसके लिए एक उपाय तुम्हें जरूर बता सकता हूं।" तुम इस वर्ष की नवरात्री में मां दुर्गा की पूजा कर ,उपवास रखकर , भण्डारा पूरे सच्चे मन से कराओगे तो तुम पर मां की कृपा होगी और तुम्हारी स्थिति फिर पहले जैसी हो जाएगी । ऐसा कहकर वह बूढ़ा व्यक्ति चला जाता।कुछ दिन बाद नवरात्री का त्यौहार आती है वह धनवान सेठ ठीक वैसा ही करता और मां अम्बे की कृपा से उस धनवान सेठ की स्थिति फिर पहले जैसे हो जाती।अब वह मां के चरणों में अपना स्थान ढूंढ लेता और सभी भूखे ,गरीब ,जरूरत मंद को भर पेट भोजन करता ।
         प्रेम से बोलो ---- जय माता दी।
                धन्यवाद

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