Pravin Chaubey 28 May 2023 शायरी समाजिक #कविता #काव्य #पोएम #सायरी #मोटीवेशन #दर्द सायरी #रील #वायरल 10384 0 Hindi :: हिंदी
मत बनाओ मुझे अपने फुरसत के लम्हों का खिलौना जब हम टूटते है तो किसी को आवाज भी नही आती है कोई आके अगर पूछे तो हमे आह भी नही आती है किस को सुनाऊं यहां मैं अपने दर्द दिल का हाल यहां टूटे हुए खिलौने की कोई पहचान नहीं होती है - प्रवीण चौबे
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