Abhijit Kumar Singh 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम #ndependenceday #Deshbhaktihindikavita #independencedayhindikavita #Deshbhaktipoetryinhindi #poetryinhindi #15augusthindikavita #deshpremkavita #deshprempoemsinhindi 29946 0 Hindi :: हिंदी
बिछा था जब लहू माटी में वह भी दिन याद हैं मासूमों की चीखों से गूंजा आज का जलीया बाग़ हैं खोया था जो बंटवारे में हिन्दू न मुसलमान हैं आज़ादी की कीमत थी वो आज उठता हिंदुस्तान हैं शहीदों की प्रतिमाओं का लिया जो प्रण साथ हैं दिए जो घाव गहरे है फिर भी शांति का प्रस्ताव हैं संभलो अभी भी वक़्त है क्योंकि यह बापू का संसार हैं मारेंगे या मर जाएंगे यह लहराता तिरंगा जान हैं।