Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 27596 0 Hindi :: हिंदी
# सुप्रभात मनुष्य जितना अपना , जीवन जीता है उस का उसको अवश्य ही , अनुभव होता है....! क्यों ना इतना , कर लेता बस , प्रेम नाम का , सुमिरन कर ले शांति का गुंजन होता है .....! इससे मन प्रफुल्लित , आनंदित सब से संबंध , अच्छा होता है.....! चिन्ता नेताम " मन " डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)