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संघर्ष-मत हारो हिम्मत कभी तुम सदैव रखो मन में हर्ष

Rohit 09 Jul 2023 कविताएँ अन्य 6009 0 Hindi :: हिंदी

मत हारो हिम्मत कभी,
    तुम सदैव रखो मन में हर्ष।
मंज़िल नहीं है दूर तुमसे,
     तुम रहो करते संघर्ष।

साहस को न डिगमिगाने दो,
     देही न रखो आलस में तुम।
उठ जाओगे तुम भी ऊंचे,
      संघर्ष न डिगमिगाने दो

वक्त के न पीछे दौड़ो हो तुम,
        वक्त को दौड़ाओ पीछे,
शूल फूल को उपवन में
     माली जैसे सींचे।

दाना उठा उठा कर के पंछी दौड़ लगाते हैं,
संघर्ष करके पंछी नभ में जगमगाते हैं।
 गैरों की नादानी से आशियाने उनके छिन जाते हैं,
न डिगता संघर्ष फिर भी लंबी दौड़ लगाते हैं।

देशभक्तों ने हिंद के न किया होता संघर्ष,
रहता गुलाम आज भी न होता यह हर्ष।

जीवन का नाम संघर्ष है संघर्ष का नाम जीवन,
धीरज न त्यागो तुम कभी दृड  कर लो तन मन

दुख से मत भयभीत रहो मत विपदा से डरो,
संघर्ष को कर लो धारण तुम सत्य की आहें भरो।

संघर्ष करते करते पाया वजूद तुमने,
खदेड़ फेंका दुश्मन को तोड़ी वो बेड़ियां तुमने।

संघर्षों को छोड़कर गर तुम भाग जाओगे,
न मिलेगी सफ़लता कभी तुम असफल ही रह जाओगे।

✍️ रोहित कुमार

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