Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

आखिर कब तक

Rani Devi 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 17502 0 Hindi :: हिंदी

         आखिर कब तक  ? 
गुलामी की जंजीरों में जकड़ी औरत
आजादी का देखा न सपना
उसके जुल्मों का खात्मा होगा
       आखिर कब तक  ? 
जन्म लिया तो उसकी कर दी
हत्या या दुख मनाया सबने
खात्मा होगा उसके जुल्मों का
           आखिर कब तक  ? 
हँसते हँसते अपनाया जिनको
उनसे भी रही परायी पीर उसकी
ज़हर देकर या तेल छिड़क कर जलायेंगे
             आखिर कब तक  ? 
समझ सके न पीड़ा उसके दिल की
जिनको अपने जिस्म का खून पिलाया
करेगी सामना सबकी नीच निगाहों का
          आखिर कब तक  ? 
 दिया जुल्मों का भंडार उसको
  संसार के हर रिश्ते ने
सहनशीलता का मिलेगा इनाम उसको
        आखिर कब तक  ? 

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: