Poonam Mishra 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत जिंदगी की जिम्मेदारियों से हटकर फिर से अपना जीवन जीना चाहती हूं 83436 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी जीने की उम्र में जिंदगी से जुड़ी जिम्मेदारियों को निभाया मैंने ,निभाई है जिम्मेदारी जिंदगी के मस्ती भरे दिन में अब जिम्मेदारियों वाले दिन में कुछ मस्ती करना चाहती हूं आसमान को छू लेने वाली चाहत होने के बावजूद भी बहुत कुछ सब्र किया मैंने अब सब्र की उम्र में आसमान छूना चाहती हूं सोचती हूं आएंगे मेरे भी दिन बहार के ठहर ,जा ए जिंदगी मैं इन बहारों के संग जीना चाहती हूं जानती हूं है कठिन संघर्ष भरी है मंजिल मेरी पर उन सरल रास्तों को छोड़ मै कठिन रास्तों पर चलना चाहती हूं हो मुबारक उन्हें जिन्हें चांद तारों की है जरूरत मैं तो अपनी ख्वाहिशों को खुद से पूरा करना चाहती हूं स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा