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आशाओं का रेखा पर

Anjani pandey (sahab) 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य ##₹आशाएं और जिम्मेदारी के नीचे आदमी## 15827 0 Hindi :: हिंदी

आशाएं है शून्य शिखर पर
                        मन में कुछ  सवाल 
हर मोड पर कुछ रुक जाना
                           हर रास्ते पर पूर्णविराम
जीवन अंधेरे में 
                 दीप जलने वाला नही 
अकेले बढ़ चल राही 
                  साथी कोई मिलने वाला नही
नया रास्ता मंजिल पुराना
                    न मिल रही मंजिल
फिर रहा बनके बेगाना
                    अब कहा वो शोर है 
मैं निकला हूं तैयारी करने 
                  ये हल्ला चारो ओर है 
अब खुद को मिटा भी नही सकता 
                  कुछ लोगो का सपना साथ है 
आज नहीं तो कल मिलेगी मंजिल 
               हा मुझे विश्वास है
                 अंजनी पांडेय (साहब)

                    

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