Barde Jyoti 29 May 2023 कहानियाँ प्यार-महोब्बत राहे देखते देखते आखें कब अंधी हो जाती हैं समझ ही नहीं आता। क्या सही है और क्या गलत 5002 0 Hindi :: हिंदी
राहें और आखें दोनों के नाम भले ही अलग हो मगर दोनों के रिलेशन एक जैसे ही होते हैं, हमारे जिवन में इतना सारा दुख होता है फिर भी आखें हमारी किसी कि राहे देखने से पिछे बिलकुल भी नहीं हटती, जब भी हमे किसी से मोहब्बत हो जाती हैं तो सबसे पहले हम राहे देखते हैं राहे बहुत से होते हैं पर आखें सिर्फ दो होते हैं, अगर हमारी मोहब्बत सच्ची हो तो ठीक नहीं तो जो सच्ची में मोहब्बत कर बैठता है उसे पता होता है कि राहे कितनी खतरनाक होते हैं उनपर चलना मुश्किल हो जाता हैं, कभी पैर पर चोट लगती हैं, कभी काटे चुभते हैं, कभी मौच आ जाती हैं, इसी प्रकार आखे भी होते हैं जब अपना बच्चा अपने आखों के सामने ही दुख झेलता हैं ना तब कितना दर्द होता होगा ना। तब आखे बंद होना चाहती हैं, आने वाले तुफान से अपनी रक्षा करनी पड़ती हैं। पता भी नहीं चलता कि हम राहे आखों से देखते हैं या आखे राहे देख रहे हैं यही बात समझ में नहीं आती हैं। और हमारे मण से कुछ आवाजे धिरे से निकल कर बोलते हैं, राहे देखते देखते आखे कब बुढी हो जाती हैं कुछ समझ में ही नहीं आता है