Moin Ahemad 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत कम हो गया है मरतबा इश्क़ का आज by Moin ahemad saiyad. moin ahemad cambay kam ho gaya hai martaba gazal moin. gazal moin. 18260 0 Hindi :: हिंदी
कम हो गया है मरतबा इश्क़ का आज , जिस पर खुदा को था बहुत ज्यादा नाज़ । गर रहता मोईन, इश्क ए जुनून उधर अब भी सवार, तो यूं ही ख़त्म न होजाती दुनिया से अम्नो बहार । गुजर गया आज महोब्बत का वो मकाम, तस्सली देते है लोग मुहब्बत के नाम । अब ऐब-ओ-हुनर तलाशते है यार, और पूछा जाता है व्यापार, फिर समझ में आता है कितना करें प्यार । गर हकीकत इश्क की समझता ये ज़माना, तो यूँ हो कर तबाह कर्ज नहीं पड़ता चुकाना । बेशक, कम हो गया है मरतबा इश्क़ का आज , जिस पर खुदा को था बहुत ज्यादा नाज़ । गर होता इश्क़ ए जुनून उधर अब भी सवार, तो यूं ही ख़त्म न होजाती दुनिया से अम्नो बहार । जुबाँ का पास किसे रहता है रहता याद? कस्मे वादे यतीम लगते है आज । मुकरनेके मिल जाते है सो सो बहाने, जरूरतों पर खिलते है हर किस्से पुराने । फिर बन जाते है अदाकार बड़े सयाने । गर करते लिहाज जिस्म और जुबाँ का लोग तो जरूर होते हर जिंदगी में खुशियों के योग । कम हो गया है मरतबा इश्क़ का आज , जिस पर खुदा को था बहुत ज्यादा नाज़ । गर होता इश्क़ ए जुनून उधर अब भी सवार, तो यूं ही ख़त्म न होजाती दुनिया से अम्नो बहार ।
Mr. Moin Ahemad Saiyad. MA. B.Ed. DCH Their original homeland is Cambay (Kambhat) He did his co...