Alok Vaid 21 Oct 2023 कविताएँ समाजिक कविता कहानी धर्म हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई 5011 0 Hindi :: हिंदी
श्राद्ध करो खूब करो यकीन आपको पूरा है। मिल गई मुक्ति पूर्वजों को ये विश्वास अधूरा है।। खीर बनाई पूरी बनाई और बने नए पकवान है पता सभी को जा चुके जहान से ऐसा ये इंसान है कहै" कबीर मरी गाय दूध कभी देती नहीं रामानंद से कह दिया मरे खीर खाते नहीं आलोक की वाणी बुरी लगे सच्चाई बोल देता हूं लकड़ी है ये सभी जानते कैसे लोहा कह दूं विज्ञान वाद दौर में अंधी पट्टी कैसे बांधूं सच क्या सभी जानते कैसे गलझूट बांधूं धर्म की आड़ में लोगों ने सच को ठुकराया है श्राद्ध करो खूब करो यकीन आपको पूरा है। मिल गई मुक्ति पूर्वजों को ये विश्वास अधूरा है।। आलोक वैद "गौतम" M.A,LL.B......🖊️🖊️
I have been interested in literature since childhood.I have M.A or LL.B Education qualification...