Samar Singh 10 Jun 2023 गीत प्यार-महोब्बत उनकी निगाहों में देखा तो बस देखता रहा गया। 6481 0 Hindi :: हिंदी
उन नशीली आँखों में, एक सदियों की प्यास थी। ढूँढती थी नजर कि, किसी की तलाश थी।। सारा ये आलम नशे में बेहोश है, हवाएं सर्द फिजा मदहोश है। उन आँखों में जब से झाँका है, तब से दिल के तार- तार खामोश है। क्यों खबर नहीं हमें उस पल, छाई एक बहकी- बहकी एहसास थी। उन नशीली आँखों में, एक सदियों की प्यास थी।। वो सधे साकी निकले, नशे में हमें छोड़कर बाकि निकले। हर पल जाम का कस लेते रहे, सपनों में खाब के कितने झाँकी निकले। हमें खुद की खबर नहीं , न खुद का पता, जब से उनकी नजरे हमारे पास थी। उन नशीली आँखों में, एक सदियों की प्यास थी। रचनाकार- समर सिंह " समीर G "