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रूप दिया भगवान ने जिसे-उस पे कोई क्यों न इतराए

संदीप कुमार सिंह 29 Jun 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 6451 0 Hindi :: हिंदी

रूप दिया भगवान ने जिसे,
उस पे कोई क्यों न इतराए।
खुशबू अदाओं की,
क्यों न लुटाए।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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