Mukesh Namdev 26 Aug 2023 शायरी धार्मिक कर्मयुद्ध,रण भूमि,लहू-लुहान,आगाज 15421 0 Hindi :: हिंदी
"कर्मयुद्ध" "अभी भी जान बाकी है,थोड़ी- सी फिर से रण भूमि में उतरेंगें, युद्ध का आगाज करेगें,ललकारेगें दुश्मन को लहू-लुहान करेंगे, बस इसबार अंदाज और हथियार नये होंगे,पर रण भूमि वही होगी, और इस कर्मयुद्ध में अपने लहू से,अपने इतिहास का आगाज करेंगें" #Mukesh Namdev