Suraj pandit 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत Love 69845 0 Hindi :: हिंदी
मेरे पहले कि दास्तान, अब बदली सी लगने लगी हैं। जिस शाम तन्हाई सताती, वह फूलों से महकने लगी हैं। जहाँ अकेले तारे गिनना मुश्किल था, अब यह आसान लगने लगी हैं। मेरे पहले कि दास्तान, अब बदली सी लगने लगी हैं। जहाँ गम कि नदी थीं, अब खुशी कि लहरे बहने लगी हैं। जहाँ अकेला पन सताती, अब वह पास रहने लगी हैं। होटे शांत रहते हुई भी, अब कुछ गुनगुनाने लगी हैं। जैसी थीं जिंदगी मेरी, अब बदली सी लगने लगी हैं। प्यार तो एक झलक सा, अब जिंदगी तेरे संग बितानी हैं। कुछ मैं बोलू कुछ तू बोलो, यही प्यार कि कहानी हैं। अब जिंदगी जों थीं मेरे, तेरे आने से पुरी हो गई हैं। --------------- सूरज पंडित