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उसके रुकसत होने से मेरा अरमान ही जल गया

संदीप कुमार सिंह 15 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 31828 11 5 Hindi :: हिंदी

(मुक्तक छंद)
उसके रुकसत होने से मेरा अरमान ही जल गया।
उसकी यादों में  मेरा अनमोल समय ही निकल गया।
आज मैं गया था उसकी कब्रगाह पर उस से जब मिला_
उसकी मोहब्बत में फिर से मैं खुशियों में बदल गया।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बहुत खूब, लाजवाब।

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बहुत खूब, लाजवाब।

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह अति सुन्दर

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह उम्दा प्रस्तुति

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह शानदार प्रदर्शन

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह अदभुत सृजन

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह अति सुन्दर रचना

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह अति उत्तम मुक्तक

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बेहतरीन उत्कृष्ट कविता

8 months ago

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Saurav Singh
Saurav Singh Very amazing creation and fabolous writing 💝

7 months ago

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