संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता दुनिया के तमाम माताओं को समर्पित है। 86471 0 Hindi :: हिंदी
मेरा पहला प्यार है, मां का ही कर ध्यान। मां से ही दुनिया चले, मां ही हैं सब ज्ञान।। मेरा पहला प्यार है, मां से ही है हर्ष। मां ममता की रूप हैं, मां ही हैं उत्कर्ष।। मेरा पहला प्यार है,मां को देय दुलार। देय कभी दुख मत नहीं,मिलते दुआ हजार।। मेरा पहला प्यार है,मां से रखें दुलार। मां हैं तो ही सर्व हैं,सुन्दर हो आचरण।। मेरा पहला प्यार है, माता को दें लाभ। बिना मातु के कुछ नहीं, मातु जिदगी अमिताभ।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....