Samar Singh 08 Jul 2023 कविताएँ अन्य मंत्री जी के आश्वासन में गरीब जनता आखिर फँस ही जाती है। 6583 0 Hindi :: हिंदी
चुनाव प्रचार जोरों पर था, मंत्री जी को असीम डर था। कहीं इस बार कुर्सी फिसल न जाए, सत्ता हाथ से निकल न जाए। जगह- जगह प्रचार पे, नेता जी हर समाचार पे। बिरयानी को छोड़, नजरें थी अचार पे।। एक मंच से खड़े हुए, अपनी जीत पर अड़े हुए। बोले, आप इस बार भी मुझे जिताना, अपना बहुमूल्य वोट दें। बदले में मुझसे, दो हजार के नोट लें। बीच सभा से आवाज़ आई "कब तक", नेता जी बोले, अपनी जबान खोले। " जीतने के पहले तक। " कोई बोला -उसके बाद, नेता जी बोले- मत करना फरियाद।। नेता जी ने माईक का लिया सहारा, दिया जोरदार नारा। तुम मुझे वोट दो, बदले में नोट लो।। रचनाकार-- समर सिंह " समीर G "