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खुद से प्यार करो मतलब अच्छे कर्म करो

संदीप कुमार सिंह 21 Jun 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 8288 0 Hindi :: हिंदी

खुद से प्यार करो, खुद पर ऐतबार करो,
जिन्दगी को बड़ी ही सादगी से जीते चलें।

चार दिन की इस जिन्दगी में रोना नहीं,
खुद भी हसूं और दुनिया को भी हसाऊं।

खाली ही आए हैं और खाली ही जायेंगें,
माया में अंत काल बहुत पछताएगें।

खुद से प्यार करो मतलब अच्छे कर्म करो,
अपना भी भला करो समाज का भी।

कर्म की ही तो तूती बोलती है यहां_वहां,
फिर उसी अनुकूल यात्रा भी चलता है।

अपने दिल से जानो परायों के दिल को भी,
पहले खुद के दिल को दर्पण तो बनाओ।

शुद्धता ईमानदारी सद्गुण के राह पर चलें,
खुद से प्यार करें औरों पर उपकार करें।

जीवन तो एक अनमोल देन है कुदरत का,
कुदरत को हम लाखों शुक्रिया अदा करें।

सारे रंजों_गमों को भूलाते चलें,
खुशियों को सदा बांटते चलें।

बने हम ऐसे जैसे अकेले ही एक गुलशन हूं,
खुशबू पर जैसे हमारा जन्म सिद्ध अधिकार हो।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समतीपुर(देवड़ा)बिहार

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