Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

आई फ्लू-आंखे जो हर पल रहती हैं ख्वाबी

Aarti Goswami 20 Jan 2024 कविताएँ अन्य आखों पर कविता, आई फ्लू पर कविता 2315 1 5 Hindi :: हिंदी

"आई फ्लू"
आंखे जो हर पल रहती हैं ख्वाबी 
समय के प्रभाव में हो गई गुलाबी 
वैसे समय तो हर बार सताना हैं 
बस इस बार आंखो का बहाना हैं 
हर तरफ दिखने लगे यही चेहरे 
आखों पे लगा यू चश्मे के पहरे 
हर कोई इसी के शिकार ठहरे 
अब तो आंखे हो गई हैं दरिया
जैसे बहने लगी उसी से नदिया
जो हमेशा रहती सपनों से भरी
बन गई अब वो भी सूजी परी 
जब आंखे बीमार होने लगीं 
तब दर्द में हर पल रोने लगीं 
कहानी नही हैं कोई किताबी
अब आंखे होने लगीं हैं गुलाबी 
          ~'आरती गोस्वामी'✍️

Comments & Reviews

Aarti Goswami
Aarti Goswami ✍️

2 months ago

LikeReply

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: