संदीप कुमार सिंह 16 Jun 2023 गीत समाजिक मां, विराजमान, महिमा, उपकार, जाने, सब, संसार, धरा, गुलजार, प्रेम वृष्टि, गुणगान, प्यास, चिराग, नास्तिक, सुरभित, बाग 9826 0 Hindi :: हिंदी
माँ तेरे उपकार से, जीवन में है प्यार। महिमा तेरी खूब है,जाने सब संसार।। माँ तेरे उपकार से,ज्योति युक्त है सृष्टि। रहे धरा गुलजार नित,करो प्रेम की वृष्टि।। माँ तेरे उपकार से,दुनिया विराजमान। टिकी चराचर है सभी,गाते सब गुणगान।। माँ तेरे उपकार से,जीव सभी में श्वास। जीवन भी यह धन्य हो,तृप्त करें सब प्यास।। माँ तेरे उपकार से,जलते भव्य चिराग। नास्तिक का तुम नाश कर,सुरभित करती बाग।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....