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गुज़रते दिन महीने साल की तरह-गुजरे तुम बीते हुए लम्हों की तरह

मोती लाल साहु 27 Jul 2023 शायरी प्यार-महोब्बत विरह 8654 0 Hindi :: हिंदी

गुज़रते दिन महीने साल की तरह।
गुज़रे तुम बीते हुए लम्हों की तरह।।

ये बहारें ये मौसम हुए अब परदेसी।
पत्थराई आंखों से आंसू हुए परदेसी।।
-मोती

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