Anany shukla 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक अब कहने को कुछ बचा नहीं 97403 0 Hindi :: हिंदी
जब कहना था तो कहा नहीं अब कहने को कुछ बचा नहीं मूक था मैं या बना दिया चुप रहना हमें सिखा दिया कहने का अवसर भी गंवा दिया बांध लिया तुमने निज माया की बेड़ियों में जब कर्मो का फल देना था हमें तुमने वो अवसर भी दिया नही जब कहना था तो कहा नही अब कहने को कुछ बचा नहीं