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नव वर्ष का सवेरा

Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #ambedkarnagar poetry#Rambriksh kavita#kavita by Rambriksh#नये साल पर कविता#नव वर्ष का सवेरा कविता#नव वर्ष आगमन पर कविता रामबृक्ष# 15652 0 Hindi :: हिंदी

नये साल का आया पावन सवेरा
पावन पवित्र कर दे मन तेरा मेरा |

       फूलों सा कलियों सा मन मुस्करायें
       भौंरों  के  गीतों  सा हम  गुनगुनायें
       धरती गगन गूंजें चिड़ियों का कलरव
       आओ मन की माला में हम गूथ जायें 

मोहक मनोहर लगे दुनिया प्यारा |
नये साल का आया पावन सवेरा ||


       अम्बर के रंगों से धरती सजायें
       पतंगों के तारों से नभ जगमगाये
       नदियों के निर्मल धारा सा जीवन 
       झरनों के जल सा प्रेम झरझरायें,


नूतन हवा नव बहे जीवन धारा |
नये साल का आया पावन सवेरा ||


         अरुण लालिमा का तिलक हम लगायें
         सफलता के पथ पर कदम हम बढ़ायें
         सुखमय सुनहरा नवल प्रवाह पल में
         कठिन जिंदगी को सरल हम बनायें,


सुख समृद्धि का हो दिल में बसेरा |
नये साल का आया पावन सवेरा ||

         हरियाली फसलों सा तन झूम जाए
         धन धान्य से पूर्ण आंगन मन भाये
        सफलता कदम चूमती जाये हर पल
        नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं |


मिटेगा गमों का कुहासा अंधेरा |
नये साल का आया पावन सवेरा ||


              रचनाकार-रामबृक्ष, अम्बेडकरनगर
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