
Rambriksh Bahadurpuri ,Ambedkar Nagar
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote many poems to you
Vill BALUABAHADURPUR POST-RUKUNUDDEENPUR DISTRICT-AMBEDKARNAGAR
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Recent Articles
घासों में बांस
जगत में किसका कितन
बदले की आग
जब बदले की आग जलेगी
किताब
कविता -किताब गले ल
जब मानव करने पर आता है
जीवन जीने का यदि हो
लज्जा
नयी नवेली खिली गुल
थकान का पसीना
मोती सा मस्तक पर झि
जीने का सहारा हूं मैं
न महलों बीच उजाला ह
बेटी पर कविता-मन की मार
कविता-मन की मार ब
व्यंग कविता-मैं बदल रहा हूं
शीर्षक- मैं बदल रहा
उतरन(पुराने वस्तुओं) पर कविता
कविता-उतरन उतरन! उ
मन की बात
कविता-मन की बात जह
अनुभव
कविता -अनुभव अनुभ
कविता-वाह रे!ईश्वर तेरे बंदे
कविता-वाह रे!ईश्वर
होलिका दहन क्यों?
कविता-होलिका दहन क
विद्यार्थी की ब्यथा
खेल खेल में शिक्षा
मन की मनमानी
कविता-मन की मनमानी
कलम बोध
कलम हूं कलम मैं अनो
रौनक (प्रेम पर कविता)
कविता-रौनक (प्रेम प
पर्यावरण पर कविता-छुईमुई
कविता-पर्यावरण पर
होली पर लिखी कविता-होली में हो लें हम एक दूसरे के
होली के रंगों में म
प्रदूषण
कविता-प्रदूषण नभ
कलम के जादूगर (मुंशी प्रेमचंद जी पर कविता)
कविता -कलम के जादूग
विश्वास और भरोसा
कविता -विश्वास और भ
मेरी शान तिरंगा है
शीर्षक-मेरी शान ति
घासों में बांस
जगत में किसका कितन
काठ की नाव
काठ की नाव तू बढ़ता
गुलाब और कांटे
कांटों में पला बढ़
मन की चाह
मन क्यों चंचल इच्छ
काठ की नाव
काठ की नाव तू बढ़ता
बढ़ते कदम मुसाफिर
शीर्षक- बढ़ते कदम
विश्व शांति दिवस पर कविता-तु हार मानेगा नहीं
विश्व शांति दिवस प
दु:ख की बदली - रात भयानक थी काली
रात भयानक थी का
गुरु गरिमा
आंख मूंद झांकू अन्
आंगन
कविता -आंगन ब
बांसुरी की धुन
कविता-बांसुरी की ध
ख्याल
कविता-ख्याल ख्या
मेरा मुझमें कुछ नहीं
शीर्षक-मेरा मुझमे
कविता-कंचनकाया
कविता-कंचनकाया सु
ये मेरा हक है
बड़े प्यार से, मां क
नव वर्ष का सवेरा
नये साल का आया पावन
मुलाकात
कविता -मुलाकात चल
रक्षाबंधन पर कविता
मैं बहना ,भाई ना मेर
उनके प्रतीक्षा में
कविता-उनके प्रतीक्
हार की जीत
स्वतंत्र चिड़िया ह
बिन बुलाए मेहमान
कविता-बिन बुलाए मे
ये मेरा हक है
बड़े प्यार से, मां क
दावत
मैं दावत खाने बैठा
मर्यादा
नर नारी में भेद रहा
ख्वाइश
कविता -ख्वाइश सुख
कला
कविता-कला सीख लो
आइना
कविता-आइना खोजता
आम और तरबूजा
कविता-आम और तरबूजा
भारत भाग्य विधाता
भटक रही थी बूढ़ी मह
रोटी की महक
कविता -रोटी की महक
काले बादल
कविता -काले बादल म
उड़ते बादल - खींच खींच ले मन को जाते
खींच खींच ले मन को ज
गुलाब
मैं गुलाब हूं फूलो
भूख की कामना
कविता-भूख की कामना
रक्तदान
कविता-रक्तदान जय
ढलता हुआ सुनहरा शाम
कविता -ढलता हुआ सुन
बेरोज़गारी के हाथ
कविता-बेरोज़गारी क
कुछ जीते कुछ हारे
हम जीत में तेरे साथ
दो घूंट चाय
कविता-दो घूंट चाय
भारत भाग्य विधाता
भटक रही थी बूढ़ी मह
पुराने नीम की छांव में
गिल्ली डंडा बाघा ब
सावन पर कविता
कविता -सावन बरसे ल
किश्ती
कविता-किश्ती प्या
नइहर कै न्यौता
लुगाई कै खरचा, दवाई
बंधन - छत के एक घोंसले पर
सहसा एक दिन नजर पड़
मुस्कान - मानव मुस्कान भरो मन में
मानव मुस्कान भरो म
मन की व्यथा (माता-पिता की मन के बेदना पर लिखी कविता)
छुपाता रहूं कब तलक
करें योग रहें निरोग
कविता -करें योग रहे
अंतरिक्ष
कविता-अंतरिक्ष
परछाइयां - न शौक, न श्रृंगार ,न इच्छा न चाह हो,
न शौक, न श्रृंगार ,न
गोदान का होरी
कविता -गोदान का होर
दुल्हन
कविता-दुल्हन चिलम
मन की मार
कविता-मन की मार ब
जागो!अब जीवन लो तराश
शीर्षक-जागो !अब जीव
कैकेई संताप
रोके रुके न नीर नयन
संपर्क
कविता-संपर्क क्यो
मैं समय हूं - कल से कल तक ले आज खड़ा हूं
कल से कल तक ले आज खड
अजूबा ताजमहल
अचंभा क्या है? ताजम
मैं प्रेम में पागल था
मैं प्रेम में पागल
नन्हा पौधा - बोया था मिट्टी में बीज
बोया था मिट्टी में
नायक
कविता -नायक नायक क
चादर
कविता-चादर ठिठुती
मेंहदी पर कविता
कविता -मेहदी का रंग
दिशा पर कविता
कविता -दिशा कहां ज
बढ़ते कदम
शीर्षक- बढ़ते कदम
विश्वास
कविता -विश्वास पत
बदलते रिस्तें
कविता-बदलते रिस्ते
आओ मन का दीप जलाएं
बन जुगनू जगमग कर जा