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अनाजों में सर्वोत्तम अनाज-रागी

virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख अन्य food 32418 0 Hindi :: हिंदी

रागी को कहीं मंडिया, कहीं, फिंगर, कहीं बाजरा तो कहीं नचनी के नाम से जाना जाता है। इसमें पोषक-तत्वों की मात्रा अत्यधिक रहती है, इसलिए इसे सब अनाजों में उत्तम माना जाता है। इसे मोटे अनाजों में शुमार किया जाता है। 
रागी का आटा पीसकर या तो रोटी बनाकर खाई जाती है या पेज बनाकर पीया जाता है। इसे गेहूं के आटा के साथ मिलाकर भी रोटी बनाया जाता है। मंडिया के दाने चूंकि बारीक होते हैं; इसलिए इसका पालिस या प्रोसेस नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि यह अपने स्वरूप में शुद्ध माना जाता है और शुद्धता की गारंटी देता है।
	इसमें फाइबर की प्रचुरता होती है, जो वजन व मधुमेह नियंत्रण करता है। साथ ही, इसमें कैल्शियम, स्वस्थ काब्र्स, एमिनो एसिड और विटामिन-डी खूब पाया जाता है। 
रागी नान डेयरी प्रोडक्ट में कैल्शियम का श्रेष्ठतम स्त्रोत है। कैल्शियम हड्डियों के सेहत व दांतों की मजबूती के लिए अहम माना जाता है। यह आस्टियोपोरोसिस की रोकथाम में मदद करता है।
	रागी में चावल, मक्का या गेहूं की बनिस्बत डायटरी फाइबर भरपूर रहता है, जो पाचनतंत्र को दुरुस्त रखता है। रागी, चिंता, तनाव, अवसाद और अनिद्रा से निपटने में लाभदायक है। इसमें एंटीआक्सीडेंट उपस्थित रहते हैं, जो तनावनाशक कहलाते हैं।
	इसके सेवन से लंबे समय तक पेट भरा रहता है, जो अनावश्यक खाने से बचाता है। भूख कम लगने से खाना कम खिलाकर वजन घटाता है, जो मोटापा को हावी होने नहीं देता।
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अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायत’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर  ‘‘पंचायत, veerendra kumar dewangan से सर्च कर और पाकेट नावेल के चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है तथा लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी।

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