Ranjana sharma 04 May 2023 कविताएँ दुःखद #लौट कर जा रही हूं अब जो तेरी दुनियां से#google 6814 0 Hindi :: हिंदी
लौट कर जा रही हूं अब जो तेरी दुनियां से खुदा से दुआ करेगें तू खुश रहे अपनी दुनियां में तुझपे न आए कभी कोई आंच बस इतनी ही चाह रहेगी मेरी मेरा क्या था कुछ चंद पलों का साथ पर तू खुश रहे जब तक तू रहे उसके साथ खुशियां मांगी थी तुझसे कुछ पल के लिए तूने तो जिंदगी ही मांग ली उम्र भर के लिए तुम्हें गर मैं पसंद नहीं थी कह देते में चली जाती खुशी खुशी तेरी दुनियां से बड़े बड़े वादे करके सपने हजार बना लिए थें मैंने अब जो समझी तब समझ में आया वो सपना कभी अपना था ही नहीं प्यार तो दो पल की ख्वाबों की परछाई थी अंधेरों में अपनी थी ऊंजाले में थी पराई तरस जाओगे मेरा एक दीदार करने के लिए भी पर मिलेंगे नहीं तुम्हें कभी हम परछाइयों में भी। धन्यवाद