DINESH KUMAR KEER 09 May 2023 गीत समाजिक 9624 0 Hindi :: हिंदी
बचपन मे बहन मिट्टी का घरौंदा बनाती थी। मिट्टी का सात-आठ दिन लगकर फिर दीवाली की रात उसकी पूजा कर उससे मिट्टी के बर्तन( चुकिया) में प्रसाद रखती थी लड्डू, बनिया बगैरह जो कि सुबह को मिलता था खाने को..! रंग-पेंट हुआ वह घरौंदा हमारे स्वप्नों का एक सुंदर सा घर होता था छोटे कमरे सीढी, बालकनी सब...! बचपन की वह दीवाली वह घरौंदा वह चुने गुलाल से बनी हुई रंगोली सब पीछे छूट गया है.. अब तो बस त्योहार है जिसे बस मना लेते है..!