मोती लाल साहु 30 Mar 2023 आलेख समाजिक चलते-चलते गुज़र गए कितने ही युग इस जहां को, यह अनवरत संपन्न हो रही है ठिकाने से, क्या चल रहा है जाने समझे ना कोई, हम अपनी धुन में मगन प्रकृति अपनी धुन में मगन। चलते-चलते - मोती चुग लेता कोई-कोई। 4014 0 Hindi :: हिंदी
चलते-चलते- गुज़र गए कितने ही युग इस जहां को ये- अनवरत संपन्न हो रही है यह प्रकृति- अपने कार्य में मुस्तैद सटीक- बिल्कुल ठिकाने से, बरकरार चल रही है क्या चल- रहा है जाने ना, कोई समझे ना कोई हम अपनी धुन में मगन, प्रकृति अपने धुन में मगन चलते-चलते-मोती, चुग लेता कोई-कोई -मोती