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आज हवा का झोंका मदहोश है

संदीप कुमार सिंह 29 Jun 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 5447 0 Hindi :: हिंदी

आज हवा का झोंका मदहोश है,
आ गले लग जा ऐ मेरी जिन्दगी।
आज न करना कोई बहाना ,
बरसात की बौछार बन मुझ पे बरस जा।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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