Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

तेरे द्वार प्रिय मधुशाला-शाम बिताते यहीं पर

Bholenath sharma 17 Feb 2024 कविताएँ समाजिक तेरे द्वार प्रिय 9590 0 Hindi :: हिंदी

शाम बिताते यहीं पर                               
 तेरे द्वार प्रिय मधुशाला ,                    
       तुम दूर कहाँ हो सकते                          
   मेरी प्रिय मधुशाला ।                           
   श्रम करते आते है                                 
  फिर करते है विश्राम                              
 तनिक मात्र पीते ही                                
मिट जाती है हर पीड़ा हर गम ।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: