Ranjana sharma 29 Mar 2024 ग़ज़ल दुःखद कदर कर लो हमारी#Google# 251 0 Hindi :: हिंदी
कर लो कदर हमारी कल बिछड़ गए तो दोष ना देना हमारी ज़ुल्म जितना सहना था सह लिया अब क्या करे बर्दाश् नहीं होता ए बेरुखी तुम्हारी गले से कभी लगाया नहीं जब जरूरत थी तुम्हारी हंस कर दो बोल बोला ही नहीं जब होठों पर आईं थी हंसी हमारी तानों की बारिश से ही स्वागत की हमारी कभी प्यार से पूछा ही नहीं क्या हाल है तुम्हारी आंखों में आसूं आए तो नाम दिया बहाना का जब कभी कुछ कहना चाहा तो कर दिया अनसुनी बात हमारी दिल में जब कुछ है ही नहीं मेरे लिए तो क्यों थाम रखे हो मेरा हाथ कह दो सनम अब बहुत हुआ जाओ तुम जिंदगी से हमारी धन्यवाद🙏