संदीप कुमार सिंह 01 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5687 0 Hindi :: हिंदी
कुंडलिया छंद साथी बनें विकास का,अद्भुत है यह काम। मिलता सुख है सर्वदा,अमर रहेगा नाम।। अमर रहेगा नाम,जन्म भी सफल रहेगा। मरने के भी बाद, रहम ही सदा मिलेगा।। करें भोग तब स्वर्ग,दूर तब रहे प्रमाथी। युगों युगों तक याद,करे दुनिया ओ साथी।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....