नीतू सिंह वसुंधरा 03 Oct 2023 कविताएँ समाजिक नीतू सिंह वसुंधरा 13821 0 Hindi :: हिंदी
मां की महिमा रूप जिसका विकराल है , जो काल की भी काल है, महिमा जिसकी निराली है, वो मां काली है हर नारी में उसका बास है शिव भी जिसके सामने ग्रास है सोचो वो कितनी महान है शिव की वो जहान है वो कितनी शक्तिशाली है नाम उसका काली है उसका रूप इतना विकराल है वो काल की भी काल है पार्वती ,लक्ष्मी ,सरस्वती रूप उसके तमाम हैं वह बड़ी महान है वह वो कितनी शक्तिशाली है ,वो शिव की कालीहैं। हाथ में उसके खून की प्याली है महिमा उसकी निराली है शिव की बड़ी प्यारी है वो बड़ी महान है काली उसका नाम है प्रचंड रूप धरनी है वो जगत कल्याणी है कर्म जिसका महान है करती जगत कल्याण है करती है दुष्टओ का नाश वो बड़ी महान है काली जिसका नाम है शिव की वह शक्ति है सब करते हो उसकी भक्ति है दिखती कितनी विशाल है वो काल की भी काल है अनेक उसका नाम है करना दुष्ट ओ का संहार काम है वो बड़ी सरल है करती सबका मुश्किल हल है वह बड़ी महान है काली जिसका नाम है वह कितनी शक्तिशाली है वो शिव की काली है।