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अपनों से मिलना रहे- मन में अति अनुराग बरसे सावन झूम के

संदीप कुमार सिंह 08 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5341 0 Hindi :: हिंदी

(मुक्तक छंद)
अपनों से मिलना रहे, मन में अति अनुराग।
 बरसे सावन झूम के,लगे रंगीन बाग।
भक्ति माह  है यह अभी,भक्ति भाव में लोग_
भोले की महिमा दिखे,जले भक्ति की आग।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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