Krishan Kajla 30 Mar 2023 गीत धार्मिक बाबा की कुटिया का सुंदर वर्णन, प्रकृति चित्रण उषा बेला का वर्णन 🌹 58141 0 Hindi :: हिंदी
चिली है बाबा की बाड़ी कोयल शोर मचा री 🌹 मोर पपीहा बोल रहे ये खिल रहे फूल हजारी 🌹 दिन निकला यह हुआ उजाला जग में चानन छाया हे, सूरज ने यो रंग सुनहरा बाबा प बरसाया हे, धरती पर रंग बिखर रहा यो मास बसंती आया हे, परवा पिछवा पवन चले थी ये झुक रही डाली डाली, हे बाबा की बाड़ी कोयल शोर मचा री 🌹 हवन कुंड में डले आहुति ओम नमः का जाप हे संतों की टोली सज रही बीच में जितगर आप हे बाबा का यो तेज निराला सूरज का प्रकाश हे, जय जीतगर जय जितगर हो रही जग में खुशियां छारी, हे बाबा की बाड़ी कोयल शोर मचारी 🌹 सोए भाग जाग गए तेरे बाबा दिया दिखाई हे जल्दी आ के दर्शन कर ले क्यों इतना घबराई है जीतगर चरना शीश निवाले होजा सफल कमाई हे हे पल में किस्मत बदले तेरी मेटे विपदा सारी, हे बाबा की बाड़ी कोयल शोर मचा री 🌹 कुटिया की यह शोभा न्यारी माया के मन भागी हे धर्म गुरु का हाथ पकड़ के दर्शन करने आगी हे, जितगर के दर सीस झुका चरणों में ज्योत जलादी हे, कुटिया की यह शोभा न्यारी भक्तों के मन भारी, हे बाड़ी कोयल शोर मचा री 🌹🌹🌹