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अश्कों के समंदर में डूब रहे थें हम

Ranjana sharma 10 May 2023 शायरी दुःखद ##हम##google 6539 0 Hindi :: हिंदी

अश्कों के समंदर में डूब रहे थें हम
तुम्हें क्या पता कैसे जी रहे हम
भीड़ में तन्हा भटक रहे थें हम
तुम्हें कैसे दिखाई दे नहीं रहे थें हम
                 धन्यवाद

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