Disha Shah 26 May 2023 कविताएँ समाजिक 4118 0 Hindi :: हिंदी
स्वार्थ को अपने अंदर आने मत दो आप ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है आप की आप के अंदर प्रेम को आने दो आप प्रेम हर सबंध को मुकमल करता है स्वार्थ जहर पैदा करता है स्वार्थ को अपने अंदर आने मत दो आप प्रेम को आने दो आप दो शब्द ही सही प्रेम से बोलो प्रेम से बात करो सबंध में स्वार्थ को मत आने दो आप जो भी गलतपहमी है आपस में हल करो आप सबंध में मिठास को आने दो आप सबंध में प्रेम होना चाहिए प्रेम सबंध को मुकमल करता है