Poonam Mishra 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक जिंदगी की परेशानियों को स्वीकार करना 23626 0 Hindi :: हिंदी
स्वीकार कर लिया मैंने जिंदगी की कठिनाइयों को अपनी ख्वाहिशों को बताना छोड़ दिया जो मेरे अपने हैं बस वही मेरे अपने हैं अब मैं गैरों को अपना कहना छोड़ दिया जो मेरे दर्द पर नमक लगाया करते फिरते हैं अब मैंने उनको अपना दर्द बताना छोड़ दिया