संदीप कुमार सिंह 24 Nov 2023 कहानियाँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगें। 17241 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक) जो बित गया वक्त, वो फिर न आयेगा। रोशनी के सामने कभी, अँधेरा न आयेगा। हौसला है - जुनून है, चमकीली चाहत है - मोहब्बत के सामने, नफरत न आयेगा। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:-समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....