Raj Ashok 23 May 2023 कविताएँ समाजिक रास्ता 7313 0 Hindi :: हिंदी
रास्ता बदल के देख, जरा। तुझे कोई, नया रास्ता मिले । खड़ा है। मुश्फितों का पहाड़ एक तरफ। तो एक और है।गहरी खाई । अपने मजबूत इरादों से पुछ जरा। क्या ? अब भी जीत जरुरी है । मेरे भाई..... चोट प्यार की, दिल से यकीन मिटा देती है। तपन लोहे की ओजार बना देती है। ये ज़िन्दगी है। हर रोज कुछ नया सिखा देती है। मेहनत है। जो तकदीर के फैसले बदल देती है