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मेरा बचपन मेरी यादें

Surbhi khichi 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 79862 0 Hindi :: हिंदी

मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसु
मुदतो माँ ने नहीं धोया दुपटा अपना
अभी जिन्दा है मेरी माँ मुझे कुछ नहीं होगा लब्बो पर उसके कभी बदुआ नहीं होती .बस एक माँ है जो कभी खफा नहीं होतीप्यार ये तेरा कैसा हैं
सीदा-सादा , भोला-भाला
मैं ही सबसे अच्छा हूँ  कितना भी हो जाऊं बड़ा माँमैं आज भी तेरा बच्चा हूँ
कैसा था नन्हा बचपन वो माँ की गोद सुहाती थी ,देख देख कर बच्चों को वो
फूली नहीं समाती थी।ज़रा सी ठोकर लग जाती तोमाँ दौड़ी हुई आती थी ,ज़ख्मों पर जब दवा लगातीआंसू अपने छुपाती थी।माँ की गोद में सोने को फिर से जी चाहता है।
हाथो से माँ के खाना खाने का जी चाहता है॥
लगाकर सीने से माँ ने मेरी मुझको दूध पिलाया है।
रोने और चिल्लाने पर बड़े प्यार से चुप कराया है॥
मेरी तकलीफ में मुझ से ज्यादा मेरी माँ ही रोयी है।

खिला-पिला के मुझको माँ मेरी, कभी भूखे पेट भी सोयी है॥

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