Prince 05 Jun 2023 ग़ज़ल दुःखद #Google #हिन्दी गजल #समाजिक #हिन्दी साहित्य #दुःखद 6568 0 Hindi :: हिंदी
उदासी का रंग सा छाया है, हर दिन रूह में उदासी को बसाया है। मुद्दतों से रौशनी नहीं देखी, ख्वाबों की धूप अब छिन्न सी गयी है। दरिया बना दिल मेरा, बह गया है, किनारे रहने का सब्र बहुत लिया है। अब क्या कहूँ दर्द की कहानी तुम्हें, बोझ बनकर जीने का आदत पायी है। रात के आँगन में उजाला नहीं, चाँदनी की चादर सब छिन्न गया है। कहाँ हो तुम, मेरे सपनों के रानी, मेरी खुशियों को तुमने छीना है। हर रोज़ तुम्हारी यादों में जलता हूँ, मेरे दिल को तुमने जला दिया है। ये ज़िंदगी तोड़ी है नफ़रत के हाथों, मेरे दिल को तुमने बहुत रुलाया है। क्या अब ख़ता थी मेरी तुम्हे चाहने में, जो तुम चले गए यो मुझे बेसहारा छोड़कर। दोस्तो ! गजल अच्छा लगे तो शेयर , फॉलो और कमेंट जरुर करें एक गजल लिखने मे बहुत मेहनत लगती हैं । आपका बहुत आभार होगा । लेखक :प्रिंस ✒️📗
I am a curious person. Focus on improving yourself not 'proving' yourself. I keenly love to write st...