संदीप कुमार सिंह 11 Nov 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगे। 3831 0 Hindi :: हिंदी
#विधा:_मुक्तक छंद #कुल 28 मात्रा।14 मात्रा पर यति #"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत" खुद पर कर एतबार मैं, खुशियों से जीवन जीता। हर हाल में भी मैं दिव्य, मुहब्बत का जाम पीता। बिछड़ों को सदा मैं खुशी,से करूं मिलाप का काम_ तभी तो मेरी ज़िन्दगी,बनी हुई है नित रीता। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....