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राजनीति की रोटियां

संदीप कुमार सिंह 16 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5443 0 Hindi :: हिंदी

राजनीति की रोटियां, पकते हैं अब रोज।
चोर_चोर सब एक हैं, करते रहते भोज।।

राजनीति की रोटियां,नेता लोग के काम।
बिना आधार के चले,  रहे  बदनाम नाम।।

राजनीति की रोटियां, में होती है स्वाद।
मिलकर नेता खा रहे,जनता है बर्बाद।।

राजनीति की रोटियां, खाना है बेकार।
मिले परिणाम सब बुरा,समय जभी बेजार।।

राजनीति की रोटियां, बड़े_बड़े     हकदार।
आपस में मिलकर रहे, बने हुए सरदार।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼 
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

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