Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

कहो! उर्मिला

अनिल कुमार केसरी 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 'रामायण' जैसे महान ग्रंथ में लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला कैसे गुमनाम रह गयी; उसी उर्मिला की स्थिति पर लिखी गयी मेरी एक रचना। 8342 0 Hindi :: हिंदी

कहो! उर्मिला...

कहो! उर्मिला...
महलों का वैभव,
 कितना दारुण दुःख तुमको देता रहा?
विरहा की अग्नि,
कितना तुमको महलों में जलाती रही?
कहो! उर्मिला...
तेरा मौन अकेलापन,
कितनी रातों तक रनिवास में सोया नहीं?
तेरे मन का सूनापन,
कब तक तुमको पति याद में रुलाता रहा?
कहो! उर्मिला...
पतिधर्म का पालन,
कितने वर्षों तक अनथक करती रही?
पतिनाम की मेहंदी,
कितने दिन तुमने अपने हाथों में रची?
कहो! उर्मिला...
महाकाव्य की आँखें,
पहचान तुम्हारी क्यों नहीं देख सकी?
महती बलिदान तुम्हारा,
ग्रन्थों की वाणी क्यों नहीं बोल सका?
कहो! उर्मिला...
तेरे त्याग की कहानी,
क्यों जग का निष्ठुर मन पढ़ नहीं पाया?
तेरी आँखों का खालीपन,
 क्यों अतीत के अंधेरों में गुमनाम हुआ?
कहो! उर्मिला...
शोलों पर तपकर बीती,
अपनी कहानी तुम क्यों नहीं लिख पायी?
कवि मन की गहराई,
कैसे तेरी पावन कहानी लिखना भूल गयी? 
कहो! उर्मिला...।





 
 

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: