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सबके दाता राम हैं-हृदय बसा लें राम

संदीप कुमार सिंह 22 Jun 2023 गीत धार्मिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5824 0 Hindi :: हिंदी

(मुक्तक छंद)
सबके दाता राम हैं, हृदय बसा लें राम।
सब प्रभु ही सम्हाल दें, करें सरल हर काम।
गम को हम तूं मार दें,हरदम रखें जुगार_
जन्म मरण से मुक्त कर,देंगें सही मुकाम।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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