Poonam Mishra 07 Jul 2023 ग़ज़ल समाजिक यह जीवन 6002 0 Hindi :: हिंदी
मुझसे ना पूछो कि वक्त कैसा गुजर रहा है न जाने हम किन हालातों से गुजर रहे हैंl जिंदगी कुछ उलझी उलझी सी लग रही हैl कभी राह में कांटे मिले हैं तो कभी राह में उलझने बहुत है! न जाने किस मोड़ पर ले जाएगी! मुझे यह जिंदगी! यह सोचकर मन इन उलझन में उलझता चला जा रहा है! कभी राह में आंसू मिले हैं तो कभी यूं ही जिंदगी मुस्कान दे जाती है अपूर्ण सा यह जीवन मुझे लगता है ! हर राह पर यह मुझे छलता है न साथ चलने का वादा किया है न साथ रहने का वादा किया है इस जीवन में न जाने किस सफर पर निकल चले हैं हम